30 दिसंबरअयोध्या एयरपोर्ट का नाम बदलकर “महर्षि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम” रखा गया,श्री नरेंद्र मोदी ने इस हवाई अड्डा को अनावरण किया।सूत्र के मुताबिकइसके पीछे धर्मिय एवं राजनीतिक कारण है।
जानिए धर्मियों कारण:-
ऋषि वाल्मीकि को आदि कवि , संस्कृत में मौलिक कभी के नाम से भी जाना जाता है ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने रामायण की रचना की श्रेय दिया जाता है जो संस्कृत का पहला महाकाव्य माना जाता है। वाल्मीकि की जातिगत पहचान पर विवाद के पीछे एक लोकप्रिय कहानी है,ऋषि बनने से पहले वाल्मीकि को रत्नाकर के नाम से जाना जाता थाऔर वह एक खूंखार डाकू,शिकारी थे। हालांकि कहानी का कुछ संस्करणों का दावा है कि वह वास्तव में जंगल में खो जाने से पहले एक ब्राह्मण घर में पैदा हुआ था और एक शिकारी जोड़े ने गोद लिया था।कहानी की अधिक निम्न वर्गीय संस्करण का दावा है कि उनका जन्म एक भील राजा के परिवार में हुआ था।किसी तरह वह पथ यात्री को लूटकर अपना जीवन धारण करते थे
एक दिन उनकी मुलाकात नारद मुनि से हुई और उनका जीवन बदल गया रत्नाकर महसूस किया कि वह व्यक्ति उसे नहीं डरते हैं। इसी दौरान नारद मुनि ने रत्नाकर से धीरे से बात कर के गलतियों के बारे में बताते हुए कहा कि यह दुष्कर्म तुम छोड़ दो,जिससे रत्नाकर को एहसास हुआ कि वह जो कर रहे थे गलत था और उन्हें अपने तरीकों में सुधार लाना चाहिए रत्नाकर ने संत से प्रार्थना की कि वह उसे माफ कर दे और उसके दुष्कर्म का प्रायश्चित करने में उसके मदद करें। नारद ने रत्नाकर को जपने के लिए भगवान श्री राम का नाम बताया इस प्रकार रत्नाकर का परिवर्तन शुरू हुआ। वह अपने आंख बंद करके अंदर चला गया और राम नाम जप करने लगा। उस समय उसके चारों ओर एक एंथल उग गया रत्नाकर की कठोर तपस्या की वजह से नारद मुनि को वापस फिर आना पड़ा और उन्हें उनकी तपस्या से जगाया। एंथल के नाम पर उनका नाम वाल्मीकि रखा गया।
भारत विभिन्न धार्मिक और संस्करणों के साथ-साथ सनातन धर्म का भी देश है ,श्री वाल्मीकि की इतिहास यह दर्शाती है मनुष्य अपने धर्म से नहीं काम से जाना जाता है।
जानिए राजनीतिक कारण:-
30 दिसंबरपीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या एयरपोर्ट का नाम बदलकर वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डाकिया है ,विपक्ष दलों का मानना है 2024 में होने वाली वोट को नजर में रखते हुए नरेंद्र मोदी ने ऐसा सिद्धांत लिया। क्योंकि,इस एयर पोर्ट के जरिए दलितों को कैसे सियासी संदेश दिया गया हैजानिए,” ऋषि वाल्मीकि को दलित समाज का भगवान माना जाता है। वह दलित समुदाय जो उत्तर प्रदेश में नहीं पूरा देश में एक वोट बैंक के लिए बड़ा फैक्टर है। कुल मिलाकर 173 सीटों में दलितों के लिए 84 सीट आरक्षण है। और इस वोट बैंक का इफेक्ट हमेशा से बीजेपी को दिखा है। दलितों के वोट बैंक के वजह से मायावती ने चार बार सत्ता के शीर्ष पर पहुंची। बीजेपी को 2009 में 12%, 2014 में 24%, 2019 में 34%से दलित वोट मिला था“।
समग्र रूप से देखा जाए तो इस एयरपोर्ट का नाम बदलने के पीछे एवं राजनीतिक दोनों कारणका संबंध है.